होलिका दहन में क्यों चढ़ाते हैं कच्चा सूत, जानें


By Farhan Khan17, Mar 2024 10:00 AMjagran.com

होली का त्योहार

होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को खेली जाती है। इससे एक रात पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।

होलिका दहन

होली पर सभी गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं। माना जाता है कि होलिका दहन की अग्नि नकारात्मकता को खत्म कर देती है।

कच्चा सूत अर्पित करना

होलिका दहन की अग्नि में कई तरह की विशेष चीजें अर्पित की जाती है। इसी तरह कच्चा सूत भी अर्पित किया जाता है।

कच्चा सूत क्यों चढ़ाते हैं?

ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि होलिका दहन की अग्नि में कच्चा सूत क्यों चढ़ाया जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

गोबर के उपले की पूजा करना

प्राचीन काल से ही लोग इस रात होलिका दहन की लकड़ियों पर कच्चा सूत लपेटकर और गाय के गोबर के उपले इकट्ठा करके होलिका की पूजा करते हैं।

तीन पर लपेटना

ज्योतिष शास्त्र में कच्चे सूत को बहुत पवित्र माना जाता है। किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में कच्चे सूत का उपयोग किया जाता है। होलिका के चारों ओर कच्चा सूत सात या तीन बार लपेटा जाता है।

अग्नि की परिक्रमा

इसी प्रकार होलिका दहन के समय अग्नि की परिक्रमा के साथ कच्चे सूत को अर्पित करने का विधान है।

शनि की स्थिति मजबूत

कच्चे सूत को होलिका में लपेटकर होलिका दहन की अग्नि में अर्पित करने से कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत होती है और शनि दोष से भी राहत मिलती है।