वास्तु में हर चीज को लेकर नियम बताए गए हैं। इन नियमों के अनुसार, चलने पर घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है वहीं इसकी अनदेखी करने पर घर में परेशानी होती है।
यह घर की सबसे महत्वपूर्ण जगह होती है। इस जगह पर ही पूजा, पाठ करते हैं और ईश्वर से जुड़ते हैं।
वास्तु में मंदिर के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन्हीं नियमों के बारे में बताएंगे।
वास्तु में बताए नियमों के अनुसार, मंदिर में मूर्ति 8-9 इंच की ही होनी चाहिए। इससे बड़ी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
मूर्तियां रखते वक्त ध्यान दें कि किसी भी देवी-देवता या भगवान की एक से अधिक मूर्ति न रखें।
देवी-देवताओं की जो भी मूर्ति रखें, वो प्रसन्न मुद्रा में हों। रौद्र रूप या गुस्से वाली मूर्ति घर में रखने से घर में अशांति आती है।
पूजा के लिए उत्तर-पूर्व दिशा सबसे उपयुक्त है। पूजा करते समय मुंह पूर्व दिशा में होना चाहिए।
यह ध्यान दें कि मंदिर को कभी भी सीढ़ियों के नीचे न बनाएं। मूर्तियों को एक-दूसरे के सामने नहीं रखना चाहिए।
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