वास्तु दोष के कारण आर्थिक, शारीरिक अथवा मानसिक तौर पर समस्याओं का सामना करना पड़ता है। परिवार में भी कई समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं, जिनके कारण व्यक्ति को तनाव मिलता है।
शास्त्रों में बताया गया है कि घर, कार्यस्थल या दुकान में लम्बे समय तक अंधकार नहीं रहना चाहिए। ऐसा होने पर नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव तेजी से बढ़ता है और वास्तु दोष का भी खतरा बढ़ जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार बिना पूजा-पाठ के घर में नहीं रहना चाहिए। साथ ही घर में रोजाना मंत्रों का उच्चारण भी होना चाहिए। ऐसा न करने से नकारात्मक उर्जा का प्रभाव बढ़ सकता है।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि व्यक्ति को रात के समय सुगन्धित चीजों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे नकारात्मक शक्तियां तेजी से आकर्षित होती हैं।
घर में आते ही व्यक्ति यदि तनाव से ग्रसित, उर्जाहीन या भ्रमित महसूस करता है, तो यह वास्तु दोष का संकेत हो सकता है। इसलिए रोज सुबह और संध्या काल में घंटी व शंख जरूर बजाएं।
वास्तु शास्त्र में यह भी बताया गया है कि शुद्धता के कारण वास्तु दोष का खतरा टल जाता है। इसलिए स्वयं के साथ-साथ घर को भी हर समय साफ-सुथरा रखें।
घर में यदि हर समय तनाव की स्थिति बनी रहती है और परिवार का कोई न कोई सदस्य समय-समय पर बीमार पड़ता है, तो यह वास्तु दोष के कारण हो सकता है। इसलिए हर समय सतर्क रहें।