एक स्वस्थ शरीर में एक स्वस्थ दिमाग रहता है। प्रौढ़ावस्था में शरीर की मजबूती किसी के दिमाग की मजबूती भी बताती है।
अगर कोई कसकर हाथ मिलाता है तो इसके मायने यह भी होते हैं कि वह समस्याओं को अच्छे से सुलझा लेता है।
ऐसे व्यक्ति की मेमोरी टेस्ट और रीजनिंग में भी बेहतर होती है और वह हर चीज पर तेजी से प्रतिक्रिया भी देता है।
वहीं इसके उलट जिन लोगों की पकड़ ढीली होती है, वे अक्सर कहीं न कहीं चोट खाते ही रहते हैं।
हाल में शोध कर एक डाटा बेस तैयार किया गया और पाया कि मजबूत हाथ वाले लोग, मजबूत दिमाग वाले भी होते हैं।
शोधकर्ताओं का यह भी मानना है कि एक्सरसाइज करने से दिमाग की शक्ति को बढ़ाया जा सकता है।
एक शोध के मुताबिक, मजबूत पकड़ वाले लोग लॉजिग प्रॉब्लम्स को दो मिनट में सुलझा लेते हैं, उन्हें एक लिस्ट में से ज्यादा नंबर याद रहते हैं।
इस शोध ने यह भी बताया कि 40 से 55 साल के लोगों की हाथों की पकड़ का उनका मानसिक स्वास्थ्य से संबंध बताया गया है।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि जिन लोगों की पकड़ मजबूत होती है। उनका दिमाग चाचा चौधरी से भी तेज चलता है।