नरक भोगकर धरती पर जन्म लेने वालों में दिखती हैं ये 4 आदतें


By Farhan Khan07, Apr 2024 09:00 AMjagran.com

आचार्य चाणक्य

आचार्य चाणक्य अपनी नीतियों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं। उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं।

शत्रु पर अंकुश लगाने में माहिर

आचार्य चाणक्य अपनी कूटनीति चाल से शत्रु पर अंकुश लगाने में माहिर थे। उनके विचारों और कथनों का पालन कर चन्द्रगुप्त सम्राट तत्कालीन समय में सम्राट बने थे।

नरक का दुख भोगकर धरती पर जन्म लेना

आचार्य चाणक्य ने अपनी रचना नीति शास्त्र में व्यक्ति के गुणों और अवगुणों पर प्रकाश डाला है। उनकी मानें तो कुछ लोग नरक का दुख भोगकर धरती पर जन्म लेते हैं।

पाए जाते हैं चार गुण

आचार्य चाणक्य अपनी रचना नीति शास्त्र के सातवें अध्याय के सोलहवें श्लोक में कहते हैं कि स्वर्ग का सुख भोगकर धरती पर जन्म लेने वाले लोग में ये चार गुण पाए जाते हैं।

होते हैं मधुरभाषी

ये मधुरभाषी होते हैं, दान-पुण्य करते हैं, ईश्वर की भक्ति-उपासना करते हैं और ब्राह्मणों को दान देते हैं। यकीनन ऐसे लोग स्वर्ग लोक से सुख भोगकर धरती पर जन्म लेते हैं।

पाए जाते हैं चार अवगुण

आचार्य चाणक्य नरक लोक से दुख भोगकर धरती पर जन्म लेने वाले के बारे में कहते हैं कि ऐसे लोगों की पहचान चार अवगुणों से होती है।

नीच लोगों की संगति

ये कटु भाषी होते हैं, निर्धन होते हैं, नीच लोगों से संगति करने वाले होते हैं और परिवारजनों एवं मित्रों से दुष्ट और वैर भावना रखने वाले होते हैं।

जीवनभर दुखी रहना

ऐसे लोग न इस लोक और न ही ऊपर के लोक में सुखी रह पाते हैं। जीवनभर दुखी ही रहते हैं।

अगर आपकी भी आदतें इन चार अवगुण में से कोई भी है तो आज ही ये आदतें सुधार लें। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com