सनातन धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष महत्व होता है। इस दौरान स्नान-दान करने का विधान होता है। आइए जानते हैं कि सूर्य ग्रहण कब लगेगा?
पंचांग के अनुसार, साल का अंतिम सूर्य ग्रहण आश्विन माह की अमावस्या यानी 02 अक्टूबर को लगने वाला है। इस दौरान कई बातों को ध्यान में रखना चाहिए।
पंचांग के अनुसार, 02 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण रात 9 बजकर 14 मिनट से शुरू होकर देर रात 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगा। इसी दिन पितृ पक्ष का समापन भी होगा।
02 अक्टूबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। ऐसे में इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। हालांकि, आप नियमों का पालन कर सकते हैं।
सूर्य ग्रहण के दौरान ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करना बेहद फलदायी होता है।
सूर्य ग्रहण के समय पूजा-पाठ करना शुभ होता है। इस दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को खाने की चीजें और धन दान करना चाहिए। वहीं, पशु-पक्षियों को भी भोजन कराएं।
ग्रहण के समय भोजन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, इस दौरान खाना बनाने की मनाही होती है। राहु के प्रभाव से खाना दूषित हो जाता है।
सूर्य ग्रहण के समय गर्भवती महिलाओं को घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए। इसके साथ ही, किसी व्यक्ति को गलत नहीं बोलना चाहिए और देवी-देवताओं की प्रतिमा को स्पर्श न करें।
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