भारतीय घरों में नाश्ते की शुरुआत अक्सर गरमागरम पराठों से होती है। पराठे स्वाद में तो लाजवाब लगते हैं, लेकिन रोज सुबह इन्हें खाने से सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। आइए जानें कि नाश्ते में पराठे खाने से कौन-कौन सी परेशानियां हो सकती हैं।
पराठे में ज्यादा तेल और घी का इस्तेमाल होता है, जिससे कैलोरी बहुत बढ़ जाती है। रोज ऐसे नाश्ते से फैट जमा होता है और वजन तेजी से बढ़ सकता है।
तेल और मसालों से भरे पराठे सुबह के समय पचाने में मुश्किल होते हैं। इससे गैस, एसिडिटी और पेट फूलने की समस्या हो सकती है।
घी या मक्खन में तले हुए पराठे में सैचुरेटेड फैट की मात्रा अधिक होती है। इसका असर दिल पर पड़ता है और कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ सकता है।
मैदा या रिफाइंड आटे से बने पराठे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है। इससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है, जो डायबिटीज के मरीजों के लिए खतरनाक हो सकता है।
भारी नाश्ता पचने में वक्त लेता है, जिससे दिनभर आलस, नींद या थकान महसूस हो सकती है। हल्का और पोषक नाश्ता शरीर को ज्यादा एनर्जी देता है।
ऑयली और मसालेदार खाना शरीर में टॉक्सिन बढ़ाता है, जिससे पिंपल्स और स्किन डलनेस की समस्या बढ़ सकती है।
पराठे में प्रोटीन, फाइबर और विटामिन्स की कमी होती है। रोज केवल पराठा खाने से शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता।
रोजाना पराठे खाने की वजह हेल्दी ऑप्शन चुनें। ऐसी ही तमाम खबरों को पढ़ते रहने के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ। All Images Credit: Canva