श्रीमद्भागवत गीता का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। भगवतगीता में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए थे वो आज भी प्रासंगिक हैं। उनके द्वारा दिए गए कुछ उपदेश आज भी सत्य हो रहे हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने कहा था कि आने वाले समय में व्यक्ति की पहचान धन से होगी, न कि उसके व्यवहार से। आज के समय में ऐसा सच प्रतीत होता है।
भगवान श्रीकृष्ण ने कलयुग को लेकर कहा था कि इस युग में चिंता ही व्यक्ति की सबसे बड़ी बीमारी होगी। व्यक्ति निरंतर चिंता से ही घिरा रहेगा।
भगवान ने कलयुग के बारे में कहा था कि इस युग में सत्य निरंतर कमजोर होता जाएगा, सत्य के साथ-साथ धर्म, सहनशीलता और शारीरिक शक्ति भी लोगों में कम होती जा रही है।
कलयुग के बारे में श्रीकृष्ण ने कहा है कि इस काल में दोस्त ही व्यक्ति का सबसे बड़ा दुश्मन होगा। सच्चा हितैषी ही व्यक्ति का सबसे अधिक नुकसान करेगा।
श्रीकृष्ण का मानना है कि कलयुग में वर्षा कम होगी, इससे जीवन प्रभावित होगा। कलयुग के दौरान कभी अधिक गर्मी, कभी अधिक सर्दी व कभी-कभी बाढ़ आदि से लोग प्रभावित रहेंगे।
श्रीकृष्ण ने कहा है कि कलयुग में स्त्री-पुरूष के वैवाहिक संबंधों के अलावा विवाहेतर संबंध भी देखने को मिलेंगे।
श्रीकृष्ण का मानना है कि कलयुग में व्यक्ति को सफलता कठिन परिश्रम से नहीं बल्कि चालाकी और चापलूसी से मिलेगी।
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