हिंदू धर्म में, विभिन्न देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के फूल चढ़ाए जाते हैं। भगवान शिव को केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित माना जाता है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर भगवान शिव को केतकी का फूल चढ़ाना वर्जित क्यों है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
केतकी का फूल एक राक्षसी का रूप था। इस राक्षसी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी।
भगवान शिव प्रसन्न होकर उसे वरदान देना चाहते थे, लेकिन ब्रह्मा जी ने उन्हें इस बात से अवगत कराया कि यह राक्षसी है।
इसके चलते भगवान शिव ने उस राक्षसी को शाप दिया कि वह हमेशा के लिए फूल के रूप में रहेगी और यह भगवान शिव की पूजा में उपयोग नहीं किया जाएगा।
मान्यता है कि इस फूल को चढ़ाने से भगवान शिव क्रोधित हो जाते हैं और घर में क्लेश होता है।
शिवलिंग पर केतकी का फूल चढ़ाना शिवलिंग की पवित्रता को दूषित करने के समान माना जाता है।
कुछ मान्यताओं के अनुसार, केतकी का फूल अन्य देवताओं को समर्पित होता है, इसलिए इसे शिव जी को नहीं चढ़ाना चाहिए।
इसके चलते केतकी का फूल भगवान शिव जी को नहीं चढ़ाना चाहिए। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com