हिंदू धर्म में भगवान शिव की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। ऐसा करने से सभी संकटों का नाश होता है और परिवार में खुशहाली आती है।
आज हम आपको भगवान शंकर के अभय मुद्रा के बारे में विस्तार से बताएंगे। जिसकी चर्चा राहुल गांधी ने अपने भाषण में की थी। आइए इसके बारे में जानें।
शिव जी की अभय मुद्रा का अर्थ है कि निर्भय यानी भय से मुक्त मिलना। भोलेनाथ इस मुद्रा में भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए आते हैं।
जो जातक उनकी इस मुद्रा का पालन करते हैं, उनके जीवन का भारी से भारी अंधकार दूर हो जाता है।
आमतौर पर इस मुद्रा का उपयोग योग और ध्यान को केंद्रित करने के लिए किया जाता है।
अभय मुद्रा को सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। जिसमें दाहिना हाथ कंधे की ऊंचाई के बराबर उठा रहता है।
साथ ही हथेली को बाहर की तरफ उंगलियों को सीधा रखते हुए दिखाया जाता है, जबकि बायां हाथ गोद में ही रहता है।
शास्त्रों में ऐसा कहा गया है कि इस मुद्रा का प्रयोग आशीर्वाद देने के लिए किया जाता है।
आपको भी शिवजी की कृपा प्राप्त करने के लिए अभय मुद्रा करनी चाहिए। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com