अघोरियों से जुड़ी कुछ खास बातें जानें


By Amrendra Kumar Yadav10, Jul 2024 05:30 PMjagran.com

शिव जी के भक्त हैं अघोरी

अघोरी भगवान शिव के भक्त होते हैं, जो विशेष पूजा और पहनावे के लिए जाने जाते हैं। ये भगवान शिव के अघोरनाथ की पूजा करते हैं।

श्वेताश्वतरोपनिषद में मिलता है जिक्र

अघोरियों का जिक्र श्वेताश्वतरोपनिषद में मिलता है। अघोरी बाबा भैरवनाथ को अपना आराध्य मानते हैं और उनकी पूजा करते हैं।

अघोरशास्त्र के गुरु हैं भगवान दत्तात्रेय

भगवान दत्तात्रेय को अघोरशास्त्र का गुरु माना जाता है, जो भगवान शिव के ही अवतार हैं। अघोरियों को न जीवन का मोह होता है और न ही मृत्यु का भय।

घृणा का त्याग

अघोरी जीवन अपनाने की सबसे पहली शर्त यह है कि व्यक्ति को अपने जीवन से घृणा निकालना होता है। समाज जिन चीजों को घृणा मानता है, अघोरी उसे ही जीवन में अपनाते हैं।

सांसारिक मोह माया से ऊपर उठना पड़ता है

वही लोग अघोरी बन सकते हैं, जो सांसारिक मोह माया को छोड़ चुके होते हैं। अघोरी लोग श्मशान में निवास करते हैं।

श्मशान साधना का विशेष महत्व

अघोरशास्त्र में श्मशान साधना बहुत महत्वपूर्ण मानी गई है। ऐसी मान्यता है कि श्मशान में की गई पूजा का फल शीघ्र ही प्राप्त होता है।

शव के ऊपर पैर रखकर करते हैं साधना

अघोरी लोग शव के ऊपर पैर रखकर साधना करते हैं, इस साधना को शिव और शैव साधना कहते हैं। शिव और शैव साधना में मुर्दे के ऊपर मांस और मदिरा चढ़ाई जाती है।

साथ में रखते हैं कापालिका

अघोरी अपने साथ में नरमुण्ड रखते हैं, इसे कापालिका भी कहा जाता है। कापालिका का प्रयोग अघोरी लोग भोजन करने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।

अघोरी कच्चा मांस खाते हैं और मानव शव का मांस भी खा जाते हैं। ये लोग किसी से कुछ नहीं मांगते हैं। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com