भगवान शिव को समर्पित यह व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार होता है।
इस दिन भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से शिव जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शिव जी के आशीर्वाद से कार्यों में सफलता मिलती है और शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आर्थिक लाभ भी मिलते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन कुछ नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो देवों के देव महादेव की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है।
इस दिन महिलाओं को शिवलिंग नहीं छूना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी नाराज होते हैं और परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
जो लोग प्रदोष व्रत का पालन कर रहे हैं, ऐसे लोगों को इस दिन अन्न, चावल और नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
इस दिन भगवान शिव को केतकी, सिंदूर, नारियल पानी, हल्दी बिल्कुल अर्पित नहीं करनी चाहिए। ऐसा करने से शिव जी नाराज होते हैं।
प्रदोष व्रत के दिन शराब, मांस का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके साथ ही प्याज और लहसुन का भी सेवन नहीं करना चाहिए।
प्रदोष व्रत के दिन किसी से अपशब्द नहीं बोलने चाहिए। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM