सनातन धर्म में अमावस्या के दिन पूजा-पाठ करने का विधान होता है। आइए जानते हैं कि पितृ दोष दूर करने के लिए फाल्गुन अमावस्या पर कौन से उपाय करने चाहिए?
पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन अमावस्या का पर्व 27 फरवरी को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करना लाभकारी माना जाता है।
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन अमावस्या तिथि की शुरुआत 27 फरवरी को सुबह 08 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 28 फरवरी को सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर होगा।
फाल्गुन अमावस्या पर सुबह स्नान करने के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। इस दौरान सरसों के तेल में तिल डालकर जलाएं। इसके बाद सात बार परिक्रमा करें।
फाल्गुन अमावस्या पर घर की दक्षिण दिशा में सरसों के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष दूर होता है।
फाल्गुन अमावस्या पर पितृ चालीसा का पाठ करके ब्राह्मणों को भोजन कराएं। इससे पितृ प्रसन्न होते हैं और रुके हुए कार्य होने लगते हैं।
फाल्गुन अमावस्या पर पिंडदान और श्राद्ध कर्म करना चाहिए। इसके साथ ही, शिवलिंग पर तिल अर्पित करना चाहिए। इससे पितृ प्रसन्न होने लगते हैं।
फाल्गुन अमावस्या पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को अन्न, धन और वस्त्रों का दान करना चाहिए। इससे पितृ दोष का प्रभाव कम होने लगता है।
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