साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक दिमाग की नसों में क्लॉटिंग होने या ब्लीडिंग होने के कारण होता है।
दिमाग के सेल्स तक ऑक्सीजन न पहुंच पाने के कारण इससे ब्रेन डैमेज होता है। इसे साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक इसलिए कहा जाता है।
साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक ज्यादातर बुजुर्गों में होता है। कभी-कभी साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक होने पर ऐसे कुछ संकेत नजर आ सकते हैं।
इसमें सांस लेने में तकलीफ होना, संतुलन न बन पाना, मूड में अचानक बदलाव होना, सोचने की क्षमता कम होना और याददाश्त कमजोर होना जैसे संकेत शामिल है।
ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कि इन संकेतों को पहचान कर आप किस तरह से अपना बचाव कर सकते हैं।
बीपी हाई होने के कारण साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक की संभावना बढ़ जाती है। अगर आपको बीपी की समस्या है, तो अपने डॉक्टर से कंसल्ट करें।
ज्यादा नमक खाने से शरीर में सोडियम की मात्रा बढ़ती है, जिसकी वजह से बीपी हाई होने की बहुत ज्यादा संभावना हो सकती है।
वजन ज्यादा होने से कोलेस्ट्रॉल, हाइपरटेंशन और हार्ट डिजीज की समस्या हो सकती है। ये सभी साइलेंट ब्रेन स्ट्रोक होने के खतरे को बढ़ाते हैं।
स्मोकिंग से स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए अगर आप स्मोक करते हैं, तो आज ही बंद कर दें।