सनातन धर्म में खरमास का विशेष महत्व है। 15 दिसंबर से खरमास शुरू हो चुका है और जिसका समापन 14 जनवरी 2025 को होगा।
आत्मा के कारक सूर्य देव के गुरु की राशि धनु या मीन में गोचर करने के दौरान खरमास लगता है।
खरमास के दौरान गुरु का प्रभाव शून्य हो जाता है। इसके लिए शुभ कार्य करने का औचित्य नहीं रह जाता है।
खरमास में भगवान सूर्य देव के साथ के साथ भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इसके अलावा आरोग्य जीवन का वरदान प्राप्त होता है। करियर या कारोबार में जातक को मनमुताबिक सफलता मिलती है।
खरमास में आप सत्यनारायण भगवान कथा सुनने या पढ़ने से आपके परिवार पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है।
खरमास में तुलसी पूजन और दान का महत्व काफी अधिक है। इसके चलते आपके अटके काम पूरे होने लगते हैं।
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com