उत्पन्ना एकादशी का विशेष महत्व है, इस दिन भगवान विष्णु की विशेष रूप से पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि भगवान विष्णु के अंश से उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति हुई थी।
उत्पन्ना एकादशी का शुभ मुहूर्त आज है, इस दिन मंदिरों और मठों में विशेष रूप से उत्पन्ना एकादशी का आयोजन किया जाता है।
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करने से घर में खुशहाली आती है और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने के लिए विधि-विधान से पूजा करें और इन मंत्रों का जाप करें। इससे विष्णु जी भक्तों पर कृपा बरसाते हैं।
शुक्लाम्बरधरं विष्णुं शशिवर्णं चतुर्भुजम् । प्रसन्नवदनं ध्यायेत् सर्वविघ्नोपशान्तये ॥
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्॥
ध्याये न्नृसिंहं तरुणार्कनेत्रं सिताम्बुजातं ज्वलिताग्रिवक्त्रम्। अनादिमध्यान्तमजं पुराणं परात्परेशं जगतां निधानम्।।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय॥
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