हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है, यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। प्रदोष व्रत हर महीने में 2 बार होता है।
माघ महीने के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 21 फरवरी को रखा जाएगा, क्योंकि प्रदोष व्रत के दिन बुधवार पड़ रहा है इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा।
प्रदोष व्रत के दिन पूजा करते समय इन मंत्रों का जाप जरूर करना चाहिए, इनका जाप करने से भक्तों के सारे कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि। उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
करचरणकृतं वाक् कायजं कर्मजं श्रावण वाणंजं वा मानसंवापराधं । विहितं विहितं वा सर्व मेतत् क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्री महादेव शम्भो॥
ऊँ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा। आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।। ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
प्रदोष व्रत का दिन शिव जी को समर्पित होता है, इस दिन पूजा करते समय शिव जी के इन मंत्रों का जाप करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है। धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.com