उत्पन्ना एकादशी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत किया जाता है। इस बार उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को किया जाएगा। इस व्रत को करने से साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है।
साधकों को सभी पापों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ भगवान विष्णु की कृपा बनी रही रहती है। इसके चलते जातकों की सभी मनोकामानाएं धीरे-धीरे पूरी होने लगती है। आपको भी ऐसा करना चाहिए।
आज हम आपको एक ऐसे स्तोत्र के पाठ के बारे में बताएंगे, जिसे अगर आप उत्पन्ना एकादशी के दिन करते हैं, तो इससे आपकी दिन-रात तरक्की हो सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको संतान गोपाल स्तोत्रम् के बारे में बताएंगे। इससे जातकों की दिन-रात तरक्की होने के साथ-साथ उनके बिगड़े काम बन सकते हैं। आपके घर में धन का आगमन हो सकता है।
श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् । यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥
अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् । नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् । पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥
पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् । देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन । देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥
यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् । अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥ श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत । गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com