जब किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष लग जाता है, तो इससे व्यक्ति को करियर संबंधी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। काम बनते-बनते बिगड़ सकते हैं।
आज हम आपको एक एक स्तोत्र के बारे में बताएंगे, जिसका रोजाना पाठ करने से आपको पितृ दोष से राहत मिल सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको शिव तांडव स्तोत्र के बारे में बता रहे हैं। इसका रोजाना पाठ करने से आपको पितृ दोष के साथ-साथ आर्थिक संकट से भी राहत मिल सकती है।
जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थले, गलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् । डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयं, चकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥॥
जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरी विलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि । धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावके, किशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥॥
धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुर स्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।, कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदि, क्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥॥
जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभा, कदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे । मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरे, मनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥॥
सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखर, प्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः । भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटक, श्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥॥
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com