हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह पर्व हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। इस दौरान लक्ष्मी नारायण जी की पूजा की जाती है।
देवउठनी एकादशी के दिन लक्ष्मी नारायण जी की पूजा करने से आपके बिगड़े काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं। इस बार यह पर्व 01 नवंबर को मनाया जाएगा।
आज हम आपको एक ऐसे स्तोत्र के बारे में बताएंगे, जिसका पाठ देवउठनी एकादशी के दिन करने से आपकी किस्मत खुल सकती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
हम आपको संतान गोपाल स्तोत्रम् के बारे में बता रहे हैं। देवउठनी एकादशी के दिन इसका पाठ करने से आपके बिगड़े काम धीरे-धीरे बन सकते हैं। तरक्की भी हो सकती है।
श्रीशं कमलपत्राक्षं देवकीनन्दनं हरिम् । सुतसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि मधुसूदनम् ॥1॥ नमाम्यहं वासुदेवं सुतसम्प्राप्तये हरिम् । यशोदांकगतं बालं गोपालं नन्दनन्दनम् ॥
अस्माकं पुत्रलाभाय गोविन्दं मुनिवन्दितम् । नमाम्यहं वासुदेवं देवकीनन्दनं सदा ॥ गोपालं डिम्भकं वन्दे कमलापतिमच्युतम् । पुत्रसम्प्राप्तये कृष्णं नमामि यदुपुंगवम् ॥
पुत्रकामेष्टिफलदं कंजाक्षं कमलापतिम् । देवकीनन्दनं वन्दे सुतसम्प्राप्तये मम ॥ पद्मापते पद्मनेत्र पद्मनाभ जनार्दन । देहि में तनयं श्रीश वासुदेव जगत्पते ॥
यशोदांकगतं बालं गोविन्दं मुनिवन्दितम् । अस्माकं पुत्रलाभाय नमामि श्रीशमच्युतम् ॥ श्रीपते देवदेवेश दीनार्तिहरणाच्युत । गोविन्द मे सुतं देहि नमामि त्वां जनार्दन ॥
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com