सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं। बुधवार का दिन भगवान शिव के पुत्र गणेश जी के लिए होता है।
इस दिन सुबह स्नान करने के बाद विधिपूर्वक गणपति बप्पा की पूजा-अर्चना करने से साधक का जीवन सदैव सुखमय रहता है।
पूजा के दौरान गणेश चालीसा का पाठ करने से बिगड़े काम बनने के साथ धन में भी वृद्धि होती है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
जय गणपति सद्गुण सदन कविवर बदन कृपाल। विघ्न हरण मंगल करण जय जय गिरिजालाल॥
जय जय जय गणपति राजू। मंगल भरण करण शुभ काजू॥ जय गजबदन सदन सुखदाता। विश्व विनायक बुद्धि विधाता॥
वक्र तुण्ड शुचि शुण्ड सुहावन। तिलक त्रिपुण्ड भाल मन भावन॥ राजित मणि मुक्तन उर माला। स्वर्ण मुकुट सिर नयन विशाला॥
पुस्तक पाणि कुठार त्रिशूलं। मोदक भोग सुगन्धित फूलं॥ सुन्दर पीताम्बर तन साजित। चरण पादुका मुनि मन राजित॥
धनि शिवसुवन षडानन भ्राता। गौरी ललन विश्व-विधाता॥ ऋद्धि—सिद्धि तव चँवर डुलावे। मूषक वाहन सोहत द्वारे॥
पूजा अर्चना के बाद आपको भी गणेश चालीसा का पाठ करना चाहिए। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com