गरुड़ पुराण के मुताबिक कभी भी ऐसे व्यक्ति को दान नहीं करना चाहिए, जो खुद आर्थिक रूप से बेहद कमजोर हो।
दरिद्रता की स्थिति में किया गया दान आपको मुश्किल में डाल सकता है, आपको कष्ट दे सकता है।
बेहतर है कि पहले अपने आपको आर्थिक तौर पर थोड़ा सक्षम बनाएं, फिर दान दें।
कभी भी दिखावे के लिए दान ना करें। ऐसे दान का कोई पुण्य नहीं मिलता है।
यही वजह है कि धर्म-शास्त्रों में गुप्त दान को बड़ा महत्व दिया गया है। गुप्त दान ही सर्वश्रेष्ठ होता है।
शास्त्रों में यहां तक कहा गया है कि दान ऐसे करना चाहिए कि एक हाथ से दान देने पर दूसरे हाथ को भी पता ना चले।
कभी भी अपनी और अपने परिवार की जरूरतों की अनदेखी करके दान नहीं करना चाहिए।
गरीब-जरूरतमंदों को धन, कपड़ों, अनाज, दवाइयों, शिक्षा सामग्री आदि चीजों का दान करना चाहिए।
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