भगवान विष्णु आषाढ़ माह के देवशयनी एकादशी पर सो गए थे। जिसके बाद से मांगलिक कार्यों पर रोक लग गई थी। आइए जानते हैं कि मांगलिक कार्य कब से शुरू होगा?
पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि के अगले दिन देवउठनी एकादशी मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं।
पंचांग के अनुसार, देवउठनी एकादशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर शाम 06 बजकर 46 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 12 नवंबर को शाम 04 बजकर 04 मिनट पर होगा।
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु के जागने के बाद से मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। 12 नवंबर के बाद से विवाह, गृह प्रवेश और मुंडन जैसे मांगलिक कार्य किए जा सकेंगे।
नवंबर महीने में शादी विवाह के लिए शुभ मुहूर्त हैं। इस महीने में 16, 17, 22, 23, 24, 25, 26, 28 और 29 तारीख को शादी के लिए शुभ मुहूर्त है।
देवउठनी एकादशी पर गरीब और जरूरतमंद लोगों को भोजन कराना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु का केसर युक्त दूध से अभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन में आ रही परेशानियां दूर होने लगती हैं।
देवउठनी एकादशी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से आर्थिक स्थिति बेहतर होती है। इसके साथ ही, कार्य में सफलता के योग बनते हैं।
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