कहानी, जब हॉकी के जादूगर ने ठुकराया था हिटलर का ऑफर


By Farhan Khan14, Jan 2023 06:57 PMjagran.com

सानी नहीं था

मेजर ध्यानचंद का हॉकी खेल में पूरी दुनिया में कोई सानी नहीं था।

इंटरनेशनल गोल

मेजर ध्यानचंद ने करीब 22 साल तक भारत के लिए हॉकी खेला और इस दौरान 400 से अधिक इंटरनेशनल गोल दागे।

स्वर्ण पदक

ध्यानचंद ने लगातार तीन ओलंपिक 1928 में एम्सटर्डम, 1932 में लॉस एंजेलिस और 1936 में बर्लिन में भारत को हॉकी खेल में अपने दम पर स्वर्ण पदक दिलाया था।

400 से अधिक पुरस्कार

ध्यानचंद को दुनिया में लगभग 55 देशों के 400 से अधिक पुरस्कार प्राप्त हुए।

गेंद स्टिक से चिपक गई हो

हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जब हॉकी खेलते थे तो मानो ऐसा लगता था कि जैसे गेंद उनकी स्टिक से चिपक गई हो।

बेहतरीन जीत दर्ज की

कहानी साल 1936 में हुए बर्लिन ओलंपिक की है। जर्मनी के खिलाफ खेले गए हॉकी के मुकाबले में भारत ने उस पर 8-1 से बेहतरीन जीत दर्ज की थी।

एडोल्फ हिटलर

उस मैच में एडोल्फ हिटलर भी मौजूद था, जो मेजर ध्यानचंद का खेल देखकर उनका मुरीद हो गया था।

प्रस्ताव दिया

मैच के बाद हिटलर ने मेजर ध्यानचंद से मुलाकात की और उन्हें अपनी सेना में बड़े पद का प्रस्ताव दिया, जिसे मेजर ध्यानचंद ने बड़ी ही विनम्रता ठुकरा दिया था।