चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को रामनवमी मनाई जाती है, इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस साल रामनवमी 17 अप्रैल को पड़ रही है।
रामनवमी का पर्व पूरे उत्तर भारत में धूमधाम से मनाया जाता है, भगवान श्रीराम का जन्म अयोध्या नगरी में हुआ था। यहां पर रामनवमी पर भगवान राम के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जुटती है।
भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है, भगवान राम के चरित्र से कुछ बातें सीखी जा सकती हैं। इन आदतों को अमल में लाने से जीवन में तरक्की करेंगे और कार्यों में सफलता अर्जित करेंगे।
भगवान श्रीराम किसी से भी भेदभाव की भावना नहीं रखते हैं, उनके चरित्र में इसकी झलक देखने को मिलती है, वो वानर सेना को साथ लेकर चलते हैं और शबरी के जूठे बेर खाते हैं, ऐसे में भगवान श्रीराम का यह गुण अपने चरित्र में शामिल करें।
भगवान राम माता-पिता की आज्ञा का सदैव पालन करते थे, इसके लिए उन्हें 14 वर्ष का वनवास काटना पड़ा। भगवान राम का यह गुण अपनाएं।
भगवान श्रीराम के चरित्र से सहनशीलता और धैर्य का गुण सीखा जा सकता है। किसी भी चीज को प्राप्त करने के आकुल नहीं होना चाहिए, बल्कि धैर्य रखना चाहिए। इसके अलावा सहनशीलता का गुण भी व्यक्ति के चरित्र को बेहतर बनाता है।
मित्रता का रिश्ता सबसे पवित्र माना जाता है, भगवान राम ने जिससे भी मित्रता की, उसे सच्चे दिल से निभाया। ऐसे में भगवान राम के चरित्र से ये गुण सीखकर मित्रता के रिश्ते को निभाएं।
भगवान श्रीराम से नेतृत्व का गुण सीखा जा सकता है, श्रीराम ने अपने साथ उपस्थित लोगों पर भरोसा किया और उनकी मदद से समुद्र में सेतु-निर्माण किया।
भगवान श्रीराम के चरित्र से ये गुण सीखे जा सकते हैं, धर्म और आध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com