आज के दिन जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का जन्म हुआ था, तो वहीं देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्मदिवस भी आज ही के दिन मनाया जाता है।
सादगी, ईमानदारी और कर्तव्यपरायणता के पर्याय शास्त्री जी ने भी देश की आजादी में अहम भूमिका निभाई थी।
हमें आजादी दिलाने के लिए उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी और सिर्फ 17 साल की उम्र में जेल की सलाखों के पीछे अपने दिन गुजारे।
शास्त्री जी एक ऐसे प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने कभी अपने पद का कोई लाभ नहीं लिया और निस्वार्थ भाव से देश की सेवा की।
ऐसे में आज हम आपको स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के अनमोल विचारों के बारे में बताएंगे।
मैं किसी दूसरे को सलाह दूं और उसे मैं खुद पर अमल ना करूं, तो मैं असहज महसूस करता हूं।
देश की तरक्की के लिए हमें आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।
जब स्वतंत्रता और अखंडता खतरे में हो, तो पूरी शक्ति से उस चुनौती का मुकाबला करना ही एकमात्र कर्तव्य होता है।