हर साल 30 सितंबर को पूरी दुनिया में अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस मनाया जाता है। जो अनुवाद की दृष्टि से बेहद खास दिन होता है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर हर साल अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस क्यों मनाया जाता है? आइए इसके बारे में जानें।
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस को मनाने का मकसद अनुवाद के महत्व को समझाना है। ताकि लोग इसके बारे में जागरूक हो सकें।
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस हमें याद दिलाता है कि अनुवाद ने किस तरह से अलग-अलग संस्कृतियों के बीच एक पुल का काम किया।
अंतरराष्ट्रीय अनुवाद दिवस को मनाने के पीछे एक खास कारण है। यह दिन सेंट जेरोम की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है।
सेंट जेरोम को अनुवादकों का संरक्षक संत माना जाता है। वे एक रोमन पुजारी थे, जो उत्तर-पूर्वी इटली के रहने वाले थे।
सेंट जेरोम मुख्य रूप से बाइबिल के नए नियम की ग्रीक पांडुलिपियों का लैटिन में अनुवाद करने के लिए जाने जाते हैं।
इसके अलावा सेंट जेरोम ने हिब्रू गॉस्पेल के कुछ हिस्सों का ग्रीक में अनुवाद भी किया था। जो उस जमाने में बड़ी बात थी।
साल 1991 में, एफआईटी ने 30 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय अनुवाद दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com