आखिर बकरीद क्यों मनाई जाती है? जानें


By Farhan Khan11, Jun 2024 06:10 PMjagran.com

बकरीद का पर्व

मुस्लिम समाज में मीठी ईद के बाद बकरीद दूसरा सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस बार बकरीद 16 या 17 जून को मनाई जाएगी।

बकरे की कुर्बानी

मुसलमान इस पर्व को हर साल रमजान खत्म होने के लगभग 70 दिन बाद मनाते हैं। इस दिन लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं।

आखिर क्यों मनाते हैं बकरीद

आज हम आपको बताएंगे कि आखिर इस दिन बकरे की कुर्बानी क्यों दी जाती है और इसके पीछे की मान्यता क्या है? आइए इसके बारे में जानें।

हजरत इब्राहिम

बकरीद पर कुर्बानी की शुरुआत हजरत इब्राहीम के समय हुई थी, जिन्हें अल्लाह का पहला पैगंबर माना जाता है। एक बार फरिश्तों के कहने पर अल्लाह ने उनका इम्तिहान लेने का फैसला किया।

इस्माइल की कुर्बानी

इम्तिहान में अल्लाह ने उनके सपने में उनसे उनकी सबसे प्यारी चीज को कुर्बान करने के लिए कहा। ऐसे में हजरत इब्राहीम ने अपने प्रिय बेटे इस्माइल की कुर्बानी देने का फैसला किया।

शैतान ने गुमराह करने की कोशिश की

जब पैगंबर हजरत इब्राहीम ने अपना फर्ज अदा करते हुए बेटे की कुर्बानी देने निकले तो उन्हें रास्ते में एक शैतान ने गुमराह करने की कोशिश की लेकिन वह गुमराह नहीं हुए।

आंखों पर पट्टी बांध ली

इसके बाद वे अपने निर्णय से न डगमगाएं इसके लिए उन्होंने अपनी आंखों पर पट्टी बांध कर कुर्बानी दे दी। उसी समय अल्लाह के फरिश्तों ने उनके बेटे को हटाकर वहां पर एक मेमने को रख दिया था।

इस तरह हजरत इब्राहीम के समय से बकरीद के पर्व पर लगातार यह कुर्बानी की परंपरा चली आ रही है। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com