मुस्लिम समुदाय मक्का और मदीना को सबसे पवित्र धार्मिक स्थल मानता है, जो कि सऊदी अरब में है।
वहीं मक्का और मदीना के बाद अल-अक्सा मस्जिद तीसरा पवित्र धार्मिक स्थल है। यह इजराइल के यरुशलम में स्थित है।
इस्लाम धर्म का तीसरा सबसे पवित्र स्थान माने जाने वाले अल-अक्सा मस्जिद परिसर पर आए दिन विवाद जैसी स्थितियां देखने को मिलती है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर अल अक्सा मस्जिद क्यों इतनी खास है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
अल-अक्सा मस्जिद लगभग 35 एकड़ में फैली हुई है। यह मस्जिद न केवल मुसलमानों बल्कि यहूदियों और ईसाइयों की आस्था से भी जुड़ी है।
इसके चलते मुस्लिम, ईसाई और यहूदी तीनों ही समुदाय के लोग इस मस्जिद पर अपनी आस्था रखते हैं।
मुसलमान इस मस्जिद को बहुत पवित्र स्थान मानते हैं। उनके अनुसार, पैगंबर मुहम्मद इसी मस्जिद के रास्ते से होकर जन्नत गए थे।
यहूदियों के अनुसार यह सबसे पहले यहूदी धर्म का धार्मिक स्थान हुआ करता था। यहूदी इसे टेंपल माउंट कहते हैं।
ईसा मसीह के उपदेश वहीं ईसाइयों के अनुसार, यहां सेंट मेरी चर्च था। ईसाई धर्म के अनुसार, इसी स्थान पर ईसा मसीह ने पवित्र उपदेश दिए थे।