आपने कई बार यह कहावत सुनी होगी कि खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है, जो हमारे समाज की कड़वी सच्चाई को बखूबी बयां करता है।
आज हम आपको बताएंगे कि आखिर खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है कहावत के पीछे की कहानी क्या है? आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है कहावत का अर्थ है कि हम जैसी संगति में रहते हैं, वैसा ही व्यवहार हमारा भी हो जाता है, जो बेहद आसान काम भी है।
खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है कहावत के पीछे की कहानी यह है कि हर फल को पकाने में एथिलीन गैस काफी अहम मानी जाती है।
जब कोई फल पक रहा होता है, तो वह फल एथिलीन गैस रिलीज करता है। इससे अन्य फलों पर असर पड़ता है और धीरे-धीरे वे फल भी पहले वाले रंग की तरह हो जाते हैं।
वैज्ञानिक आधार पर बनी इस थ्योरी ने मुहावरा अर्थात् कहावत का रूप ले लिया, पता ही नहीं चला। आज यह कहावत जन जन के बीच बेहद फेमस है।
हम आशा करते हैं कि आपने खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है कहावत के पीछे की कहानी जरूर जान ली होगी। आपको एकदम क्लियर हो गई है।
अब हम आपको एक और कहावत के बारे में बता रहे हैं, जिसका जवाब आपको खोजकर लाना है और कहावत है कि सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।
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