आज की खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान के चलते इनफर्टिलिटी की समस्या बेहद आम हो गई है। इसके चलते माता-पिता बनने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
इनफर्टिलिटी की समस्या से राहत के लिए आईवीएफ तकनीक किसी चमत्कार से कम नहीं। इस तकनीक के जरिए लोगों को माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ है।
आज हम आपको आईवीएफ से जुड़े कुछ ऐसे मिथकों के बारे में बताएंगे, जिसके बारे में आपको जरूर जानना चाहिए। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें।
यह मिथक समाज में बेहद आम है कि आईवीएफ तकनीक हमेशा शत-प्रतिशत सफल होती है। जबकि ऐसा नहीं है। यह महिला की उम्र, सेहत, एग और स्पर्म की क्वालिटी पर निर्भर करता है।
आईवीएफ तकनीक में दर्द नहीं होता और अगर होता भी है, तो न के बराबर ही होता है। आपको इस मिथक पर यकीन नहीं करना चाहिए कि इसमें आईवीएफ में दर्द होता है।
यह जरूरी नहीं है कि आईवीएफ तकनीक से हमेशा बच्चे जुड़वां या ज्यादा बच्चे ही हो। यह आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप कितने बच्चे चाहते हैं।
अगर आप ऐसा मानते हैं कि आईवीएफ से पैदा हुए बच्चे नॉर्मल नहीं होते, तो आप एक मिथक पर यकीन कर रहे हैं। सच यही है कि आईवीएफ से जन्मे बच्चे हेल्दी होते हैं।
हालांकि आईवीएफ तकनीक पहले महंगी थी। अब ऐसा नहीं है। कुछ अस्पताल और क्लीनिक ऐसे हैं, जो कम कीमत पर आईवीएफ तकनीक के जरिए लोगों को इलाज कर रहे हैं।
लेख में दी गई सलाह और सुझाव केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से हैं। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com