ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास जानें


By Farhan Khan02, Jun 2025 03:50 PMjagran.com

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरा

आप सभी ने यह मुहावरा तो जरूर सुना होगा कि ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे। आप जानते हैं कि आखिर यह मुहावरा कब और कैसे प्रचलन में आया?

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास

आज हम आपको ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास बताएंगे। आइए इसके बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको सही जानकारी हो सकें।

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे का अर्थ

हम आपको ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास बताने से पहले इसका अर्थ बताएंगे। इस मुहावरे का अर्थ है कि बुरी तरह से हारने के बाद हार स्वीकार न करके सामने वाले पर रौब दिखाना।

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे का इतिहास की बात करें, तो एक बार हमारे पूर्वजों ने किसी बिल्ली को काम करते हुए देखा और वह बिल्ली बार-बार काम में असफल हो रही है।

पूर्वजों के मुंह से निकला यह मुहावरा

असफल होने के बाद वह बिल्ली गुस्से में आकर पास के खंभे या दीवार को पंजों से नोचने लगी। जिसके बाद हमारे पूर्वजों के मुंह से यह मुहावरा निकला कि ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे।

मुहावरा हो गया फेमस

धीरे-धीरे यह मुंहावरा चलन में आ गया। आज यह मुहावरा काफी फेमस हो गया है। जब-जब इंसान हारने के बावजूद अपनी हार स्वीकार नहीं करता, तब-तब यह मुहावरा इस्तेमाल किया जाता है।

रत्ती भर लाज नहीं मुहावरा

ख‍िस‍ियानी ब‍िल्‍ली खंभा नोचे मुहावरे के अलावा क्या आपको रत्ती भर लाज नहीं मुहावरे का इतिहास पता है? यह कब और कैसे चलन में आया? आइए इसके बारे में भी जान लेते हैं।

रत्ती के बीजों से खास कनेक्शन

रत्ती भर लाज नहीं मुहावरे का कनेक्शन रत्ती के बीजों से है। इन बीजों की खासियत है कि इनका वजन कभी कम नहीं होता। इन बीजों की खूबी के चलते यह मुहावरा बन गया कि रत्ती भर लाज नहीं।

लेख में उल्लेखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com