त्योहार का सीजन है और इस समय बाजार में मिठाई की काफी ज्यादा डिमांड है। जिसके चलते मेवे में मिलावट खोरी भी खूब की जा रही है।
हालांकि खाद्य विभाग की टीम अपना काम कर रही है, और कई दुकानों पर छापे भी मार चुकी है।
असली दूध से मावा निकालना काफी मंहगा पड़ता है, आंकड़ो के मुताबिक एक किलो दूध से दो सौ ग्राम मावा ही निकलता है।
त्योहारी सीजन में मिठाई की मांग काफी ज्यादा बढ़ जाती है। इसलिए मिलावटी मावा बनाने काम किया जाता है।
नकली मावा बनाने में शकरकंदी, सिंघाड़े का आटा, आलू और मैदे का इस्तेमाल होता है।
इसके अलावा मावा के वजन को बढ़ाने के लिए इसमें स्टार्च, आयोडीन और आलू भी मिलाया जाता है।
नकली मावा हू्बहू असली मावा की तरह दिखे इसके लिए कई तरह के केमिकल का भी इस्तेमाल किया जाता है।
नकली मेवे की पहचान के लिए आप उन्हें चीनी डालकर गैस पर गरम कर लें अगर ये पानी छोड़ने लगे तो समझ जाइए ओरिजनल नहीं है।
इसके अलावा नकली मेवे में कच्चे दूध की महक आती है। जबकि असली मावा मुंह में चिपकता नहीं है।