हाल ही में गुजरात में नाग का विशाल अवशेष मिला है। गुजरात में खोजे गए फोसिल की पहचान पृथ्वी पर सबसे बड़े सांपों में से एक
वासुकि की लंबाई लगभग 36 से 50 फीट के बीच बताई जा रही है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इसका वजन 1 टन या 1,000 किलोग्राम तक रहा होगा।
इस जीवाश्म को हिंदू पौराणिक कथाओं में वर्णित सांप राजा वासुकि के आधार पर नाम दिया गया है। सनातन धर्म के ग्रंथों में नागराज वासुकि की अनेक कथाएं मिलती हैं।
वासुकि नाग, वहीं नाग है, जो भगवान शिव के गले में विराजमान है। इसे शिव का प्रिय सेवक माना जाता है, साथ ही सांपों का राजा भी कहा जाता है।
वासुकि नाग का संबंध भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार से भी जुड़ा है। इस कथा में राजा सत्यव्रत और भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का जिक्र मिलता है।
भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार ने एक राजा सत्यव्रत से कहा था, ‘प्रलय के समय तुम वासुकि नाग की सहायता से नाव को मेरे सींग से बांध देना, जिस पर वेद और जीवों समेत आप सवार हों। इससे सृष्टि की पुन: रचना हो सकेगी’।
वासुकि को शेषनाग का भाई भी माना गया है। जब वासुदेव श्री कृष्ण को नंद बाबा के पास ले जाने के लिए टोकरी में रखकर यमुना नदी पार कर रहे थे, तब बरसात और भयंकर तूफान से वासुकि नाग ने ही श्रीकृष्ण की रक्षा की थी।
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