अगर आप पहले से ज़्यादा थकान महसूस करने लगे हैं, तो इसकी वजह शरीर में टॉक्सिन की मौजूदगी हो सकती है, जो किडनी के सही तरीके से काम न करने पर होती है।
इसके पीछे कई वजह हो सकती हैं, लेकिन किडनी की बीमारी भी बड़ा कारण हो सकती है। स्लीप एपनिया या अच्छी नींद न ले पाना जैसी समस्याएं किडनी की बीमारियों से अत्यधिक जुड़ी हुई हैं।
खून से टॉक्सिन्स निकालने के साथ किडनी हेल्दी स्किन को भी बढ़ावा देती है। टॉक्सिन के जमा होने से शरीर के पोषक तत्वों पर असर पड़ता है, जिससे स्किन और हड्डियां भी प्रभावित होती हैं।
अनहेल्दी किडनी शरीर से टॉक्सिन्स को अच्छे तरीके से नहीं निकाल पाती। इसी तरह अतिरिक्त सोडियम जमा होने से भी पैरों, टखनों और पंजों में सूजन आने लगती है।
आंखों के आसपास सूजन देखते हैं, तो किडनी की जांच ज़रूर कराएं। जब किडनी खराब होने के कारण पेशाब के ज़रिए प्रोटीन निकलने लगता है, तो आंखों के नीचे सूजन आ जाती है।
मांसपेशियों में बर्दाश्त के बाहर दर्द होने का मतलब शरीर में ज़्यादा टॉक्सिन्स और खनिजों के अनावश्यक स्तर भी हो सकता है। यानी किडनी उन्हें पूरी तरह से प्रोसेस नहीं कर पा रही है।
जब किडनी में दिक्कत हो, तो एरिथ्रोपोइटिन नामक हार्मोन की कमी के कारण मरीज़ को सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
पेशाब के ज़्यादा या कम होना आमतौर पर किडनी की बीमारी से जुड़ा होता है। ऐसा होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।