भगवान आशुतोष के 11वे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ मंदिर के कपाट भैया दूज के दिन शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।
वहीं गौरीकुंड स्थित मां गौरा माई के कपाट भी भैया दूज पर शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए।
हर वर्ष भैया दूज पर ही बाबा केदार की यात्रा पर छह माह के लिए विराम लगता है।
हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस मंदिर के पट हर साल वैशाख महीने यानी मार्च-अप्रैल में खोले जाते हैं।
पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक युद्ध के बाद पांडवों ने अपने पित्रों का कर्मकांड किया और भैयादूज के दिन उन्हें स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार भैया दूज से शीतकाल की शुरुआत मानी जाती है और विधिविधान से बाबा केदार के कपाट बंद किए जाते हैं।
वहीं कपाट खुलने का दिन हर वर्ष शिवरात्रि पर तय किया जाता है।