हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि धनतेरस के दिन यम को दीपक क्यों जलाया जाता है?
यह पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी मुहूर्त को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 10 नवंबर को मनाया जाता है।
धनतेरस की शाम को मां लक्ष्मी, गणेश के साथ यमराज की भी पूजा की जाती है। इस दौरान उनके नाम का दीपक भी जलाया जाता है।
धनतेरस के दिन यम का दक्षिण दिशा में यम का दीपक जलाया जाता है। ऐसा करने से अकाल मृत्यु होने का खतरा कम रहता है।
दक्षिण दिशा यम की दिशा होती है। धनतेरस की शाम दक्षिण दिशा में चार मुख वाला यम का दीपक जलाना चाहिए।
इसे जलाने के लिए शाम का समय उत्तम माना जाता है। धनतेरस के दिन शाम 05 बजकर 30 मिनट से 06 बजकर 49 मिनट तक यम का दीपक जलाना शुभ होगा।
धनतेरस के दिन आटे का चौमुखा दीपक बनाकर उसमें सरसों का तेल डालकर जलाना चाहिए। ध्यान रहे कि यह दीपक दक्षिण दिशा में जलाना शुभ होता है।
धनतेरस के दिन यम का दीपक जलाना उत्तम माना जाता है। इससे परिवार के सदस्यों में आरोग्य और सुख-समृद्धि आती है।
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