सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाला एक गंभीर रोग है, जो ह्यूमन पेपिलोमावायरस(एचपीवी) के संक्रमण से फैलता है। यह वायरस सेक्सुअल एक्टिविटीज के दौरान फैलता है।
इसके लक्षण सेक्सुअल एक्टिविटी के बाद अनियमित ब्लीडिंग होना मुख्य लक्षणों में से एक है, हालांकि जबतक कैंसर बढ़ता नहीं है तब तक पता लगा पाना मुश्किल है।
इससे बचाव के लिए एचपीवी के काउंटर के लिए वैक्सीन लगवाई जा सकती है। इसके लिए 9 वर्ष से 15 वर्ष की आयु उपयुक्त मानी गई है।
यह महिलाओं में होने वाला दूसरा सबसे आम कैंसर है, दुनियाभर के मामलों में लगभग 25 प्रतिशत भारत में होते हैं, भारत में लगभग हर 47 मिनट में 1 महिला सर्वाइकल कैंसर की शिकार पाई जाती है।
इससे बचाव के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए, इसके लिए सही खान-पान, नियमित एक्सरसाइज, हाइजीन का सहारा लिया जा सकता है।
सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती स्टेज में इम्यूनोथेरेपी का सहारा लिया जा सकता है, इम्यूनोथेरेपी में इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर शरीर में कैंसर की कोशिकाओं को खोजकर उसे नष्ट करने का काम करने में मदद करती है।
अमेरिका के न्यू जर्सी के रटगर्स कैंसर इंस्टीट्यूट में स्त्री रोग आंकोलाजिस्ट यूजेनिया गिर्दा के मुताबिक, इम्यूनोथेरेपी का उद्देश्य कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना है।
अमेरिकी शोध पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, निम्न और मध्यम आय वाले देशों में महिलाओं की कैंसर से होने वाली मौतों का दूसरा सबसे बड़ा कारण है।
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