सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दिन भोलेनाथ की पूजा करने का विधान होता है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत पर शिव जी की पूजा कैसे करें?
पंचांग के अनुसार, 27 मार्च 2025 को प्रदोष व्रत है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाले संकट दूर होने लगते हैं।
पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 मार्च को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा।
प्रदोष व्रत के दिन शिव जी और मां पार्वती की पूजा करना लाभकारी होता है। इससे कुंडली में ग्रह-दोष से छुटकारा मिलता है।
प्रदोष व्रत रखने वाली साधक सूर्यास्त के बाद स्नान करें। इसके बाद मंदिर की साफ-सफाई करके एक वेदी पर शिव जी की प्रतिमा स्थापित करें।
प्रदोष व्रत पर गंगाजल और पंचामृत से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए। इससे मन के सारे विकार दूर होने लगते हैं और सुख-शांति बनी रहती है।
प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर चंदन, फूल, बेलपत्र और धतूरा आदि चीजें चढ़ाएं। ऐसा करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।
शिव जी की पूजा करते समय ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे जीवन में आने वाले सारे संकट दूर होते हैं। इसके साथ ही, कुंडली में ग्रहों की अशुभ स्थिति भी दूर होती है।
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