सनातन धर्म में चैत्र अमावस्या का विशेष महत्व होता है। इस दिन स्नान-दान और पूजा करने से जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आइए जानते हैं कि चैत्र अमावस्या पर किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
पंचांग के अनुसार, इस महीने अमावस्या तिथि 29 मार्च 2025 को है। इस दिन शिव जी और शनि देव की पूजा करने से जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
पंचांग के अनुसार, चैत्र अमावस्या तिथि की शुरुआत 28 मार्च को रात 07 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 29 मार्च को शाम 04 बजकर 27 मिनट पर होगा।
अक्सर लोग पूजा-पाठ करते समय मंत्र का जाप करते हैं। इससे देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और जीवन में आने वाले संकट दूर होते हैं।
चैत्र अमावस्या पर पूजा करते समय ॐ गंगायै नमः या ॐ विष्णुपादसंभूतायै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
चैत्र अमावस्या पर पितरों की कृपा पाने के लिए ॐ पितृगणाय विद्महे जगत धारिणी धीमहि तन्नो पितृो प्रचोदयात् मंत्र का जाप करना चाहिए।
इस दिन पूजा करते समय ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे धन से जुड़ी समस्याएं दूर होने लगती हैं।
अगर आप जीवन में परेशानियों का सामना कर रहे हैं, तो चैत्र अमावस्या पर इन मंत्रों का जाप करें। इससे संकट से छुटकारा मिलता है।
मंत्र का जाप करने के बारे में जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ