विवाह पंचमी का विशेष महत्व है, इस दिन भगवान श्रीराम और माता सीता का विवाह हुआ था। मार्गशीर्ष महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को यह तिथि होती है।
इस दिन भगवान राम और माता सीता का विवाह करवाया जाता है, ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नानादि क्रिया से निवृत्त होकर पूजा स्थान पर एक चौकी रखें और लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। चौकी पर राम और सीता की मूर्ति रखें।
इसके बाद गणेश जी के मंत्रों का जाप करें और विवाह की रस्में शुरू करें। इसके बाद हनुमान जी की पूजा करें।
इस दिन भगवान राम को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और भगवान श्रीराम को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद माला पहनाकर गठबंधन करें।
इसके बाद माता सीता और भगवान श्रीराम को फल और मिठाई अर्पित करें, बाद में आरती करें और प्रसाद वितरित करें।
इस दिन बालकांड विवाह पाठ करें, ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में मिठास आती है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
इस दिन सुहागिन स्त्रियां सुहाग की वस्तुएं जैसे, चूड़ी, बिंदी, साड़ी, सिंदूर आदि का दान करें, इससे विशेष फल मिलते हैं।
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