पांच तत्वों यानी अग्नि, वायु, आकाश, पृथ्वी और जल का संतुलन होना बहुत जरूरी माना गया है।
जिस स्थान पर इनका संतुलन पाया जाता है, वहां हमेशा एक सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
ऐसे में आप कुछ वास्तु नियमों को ध्यान में रखकर भी इस पांच तत्वों में संतुलन बना सकते हैं।
प्रकृति और वास्तु का पहला तत्व आकाश को माना गया है। कोशिश करें की घर के बीच का स्थान खुला रहे ताकि प्रकाश प्रवेश कर सके।
वास्तु शास्त्र के सिद्धांतों के अनुसार, अग्नि तत्व प्रेरणा देता है और व्यक्ति की समझ को बढ़ाता है।
करें घर में अग्नि तत्व को संतुलित करने के लिए कमरों में गुलाबी, चमकीला (पीला), नारंगी, लाल आदि रंगों का ज्यादा-से-ज्यादा उपयोग करना चाहिए।
वास्तु के अनुसार, घर में पृथ्वी तत्व संतुलित होने पर विश्वास बढ़ता है और आर्थिक मामलों में समृद्धि बनी रहती है। घर में पृथ्वी तत्व को जोड़ने के लिए मिट्टी, चीनी मिट्टी या फिर पत्थर से बनी चीजें जैसे मिट्टी के गमले आदि का उपयोग कर सकते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह तत्व आपने घर में ज्ञान, शांति और सकारात्मकता को बढ़ाता है। ऐसे में आप घर की उत्तर-पूर्व या फिर उत्तर दिशा में सजावट के लिए झरने, पानी के फव्वारे या फिर स्विमिंग पूल रख सकते हैं।
ऐसे में इन तत्वों के जरिए आप संतुलन बना सकते हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com