मंत्र कितने प्रकार के होते हैं? जानें


By Amrendra Kumar Yadav10, Aug 2024 08:00 AMjagran.com

मंत्रों का अत्यधिक महत्व

किसी भी पूजा-पाठ में मंत्रों का अत्यधिक महत्व होता है। पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

देवी-देवताओं का मिलता है आशीर्वाद

पूजा में मंत्रों का जाप करने से देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। मंत्र पढ़ने से मन को भी शांति मिलती है।

कितने प्रकार के मंत्र?

शास्त्रों में मंत्र के 3 प्रकार बताए गए हैं। इनके बारे में जानेंगे। इसके साथ ही इनके महत्व के बारे में भी जानेंगे।

सात्विक मंत्र

जिन मंत्रों का प्रतिदिन जाप किया जाता है। ऐसे मंत्र सात्विक मंत्र कहलाते हैं। इनकी सिद्धि करने में बहुत समय लगता है। इनका जाप करने से पहले स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

ऊं नमः शिवाय

सात्विक मंत्रों के उदाहरण की बात करें तो ऊं नमः शिवाय, ऊं हनुमते नमः, गायत्री मंत्र आदि सात्विक मंत्रों में गिने जाते हैं।

तांत्रिक मंत्र

ये वे मंत्र होते हैं, जिनकी सिद्धि सात्विक मंत्रों की अपेक्षा जल्दी सिद्ध होते हैं। इनका फल जल्दी मिलता है और प्रभाव भी जल्दी ही खत्म होता है। इनके उच्चारण से तांत्रिक क्रियाओं को प्रभावशाली बनाने में मदद मिलती है।

शाबर मंत्र

ये मंत्र जल्दी सिद्ध होते हैं। इसके साथ ही ये सरल भी होते हैं। इनका प्रभाव साधक पर जल्द ही दिखने लगता है और जल्द ही इनका असर समाप्त होता है।

नियमों का रखें विशेष ध्यान

इन मंत्रों का जाप करते समय कुछ नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इनका उच्चारण करते ही देवी-देवता जागृत हो जाते हैं।

मंत्र 3 प्रकार के होते हैं। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें Jagran.Com