तनाव का पहला असर व्यक्ति की नींद पर पड़ता है। जब इससे लड़ने के लिए ब्रेन में मौजूद सिंपैथेटिक नर्व ट्रांसमीटर्स ज्यादा एक्टिव हो जाते हैं, तो इससे व्यक्ति को अनिद्रा की समस्या होती है।
तनाव में शरीर की ब्लड वेसेल्स सिकुड़ जाती हैं और दिल की धड़कन बढ़ जाती है। ऐसे में रक्त प्रवाह का तेज होना स्वाभाविक है, जिससे व्यक्ति का ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है।
तनाव के कारण शुगर को ग्लूकोज में परिवर्तित करने वाले हॉर्मोन इंसुलिन के सिक्रीशन में रूकावट आती है इससे ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ जाता है।
तनाव की स्थिति में सांसों की गति तेज हो जाती है। इससे व्यक्ति में एस्थमा जैसे लक्षण नजर आते हैं। अगर किसी को पहले से ही यह बीमारी हो तो तनाव इसे और बढ़ा देता है।
तनाव की स्थिति में अकसर लोग बार-बार फ्रिज खोलकर चॉकलेट, पेस्ट्री और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स जैसी नुकसानदेह चीज़ों का सेवन करने लगते हैं, जिससे उनका वजन बढ़ जाता है।
स्ट्रेस की वजह से जब व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती, तो उसके ब्रेन में स्मृतियों का संग्रह नहीं हो पाता, जिससे रोजमर्रा के कामकाज में वह जरूरी बातें भी भूलने लगता है।