जैसे-जैसे व्यक्ति की उम्र बढ़ने लगती है, उसकी याददाश्त भी कमजोर होने लगती है। इसकी वजह से चीजों को ज्यादा समय तक याद रखने में परेशानी होती है।
अगर रोज ही ऐसा होने लगे, तो यह डिमेंशिया की समस्या हो सकती है। यह समस्या आमतौर पर बुजुर्गों को होती है।
डिमेंशिया में आम तौर पर मेमोरी लॉस की समस्या होती है। यह अक्सर इस स्थिति के शुरुआती लक्षणों में से एक होता है।
कई ऐसी आदतें होती हैं, जिससे हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है। आइए जानते हैं ऐसी कौन-सी आदतें हैं, जिससे व्यक्ति डिमेंशिया का शिकार होने लगता है।
एक ही जगह पर लंबे समय तक बैठे रहने से कॉग्निटिव फंक्शन घटने लगता है। इससे आप डिमेंशिया के शिकार हो सकते हैं।
नींद पूरी न होने से भी डिमेंशिया होने का खतरा बढ़ सकता है क्योंकि इसका सीधा असर हमारे कॉग्निटिव फंक्शन पर पड़ता है।
स्मोकिंग करने से फेफड़ों और दिल को नुकसान तो होता ही है। इसके साथ ही कॉग्निटिव फंक्शन पर भी असर पड़ता है, जो डिमेंशिया के खतरे को बढ़ाता है।
अनहेल्दी फूड का सेवन करने से कॉग्निटिव फंक्शन से जुड़ी दिक्कतें होने लगती हैं। इसकी वजह से डिमेंशिया होने का रिस्क बढ़ जाता है।
ये आदतें डिमेंशिया होने का रिस्क बढ़ा सकती हैं। इन आदतों से बचें। लाइफस्टाइल से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com