हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। प्रत्येक माह में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। इस व्रत को कृष्ण पक्ष अथवा शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन रखा जाता है।
प्रदोष व्रत के दिन पर भगवान शिव और माता पार्वती की उपासना करने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा प्रदोष काल में की जाती है।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 2 फरवरी शाम 4:25 से 3 फरवरी को शाम 6:59 तक होगी। यह व्रत 2 फरवरी 2022, गुरुवार के दिन रखा जाएगा।
गुरु प्रदोष व्रत की पूजा प्रदोष काल अर्थात संध्या के समय की जाती है, इसलिए इस दिन पूजा मुहूर्त शाम 6 बजकर 02 मिनट से रात्रि 8 बजकर 37 मिनट तक रहेगा।
गुरु प्रदोष व्रत के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्य को अर्घ्य दें और व्रत का संकल्प लें। इस दिन भगवान शिव के साथ-साथ गुरु एवं भगवान विष्णु की भी उपासना करें।
दोष काल अर्थात शाम के समय शुभ मुहूर्त में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और 108 बार महामृत्युंजय मंत्र का जाप अवश्य करें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती व चालीसा का पाठ करें।
पुराणों में भी प्रदोष व्रत को अत्यंत फलदाई बताया गया है। इस दिन पूजा-पाठ करने से वैवाहिक जीवन में आ रही समस्याएं भी दूर हो जाती हैं सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।