प्रदोष व्रत की पूजा शाम को कितने बजे करनी चाहिए?


By Ashish Mishra20, Mar 2025 10:00 PMjagran.com

प्रदोष व्रत 2025

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व होता है। इस दौरान शिव जी और मां पार्वती की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत की पूजा शाम को कितने बजे करनी चाहिए?

प्रदोष व्रत कब है?

पंचांग के अनुसार, 27 मार्च 2025 को प्रदोष व्रत है। इस दिन पूजा-पाठ करने से जीवन में आने वाली परेशानियां दूर होने लगती हैं।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि की शुरुआत 27 मार्च को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर होगी। वहीं इसका समापन 27 मार्च को रात 11 बजकर 03 मिनट पर होगा।

प्रदोष व्रत पर पूजा करने का समय

इस दिन सूर्यास्त के 45 मिनट पहले से 45 मिनट बाद तक पूजा का समय रहता है। इसके अलावा, सूर्यास्त से लेकर रात 8 बजे तक कर सकते हैं।

शिव जी का अभिषेक करें

प्रदोष व्रत के दौरान शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, और शहद से शिव जी का अभिषेक करें। इस दौरान शिवलिंग पर बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं। ऐसा करने से शिव जी की कृपा प्राप्त होती है।

शिवलिंग पर केसर चढ़ाएं

प्रदोष व्रत की पूजा में शिवलिंग पर केसर चढ़ाना चाहिए। इसे चढ़ाने से दरिद्रता दूर होती है और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

इन चीजों का दान करें

प्रदोष व्रत के दिन गरीब और जरूरतमंद लोगों को धन, वस्त्र और खाने की चीजें दान करना चाहिए। इससे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है।

मंत्र का जाप करें

प्रदोष व्रत के दौरान पूजा करते समय ॐ तत्पुरुषाय विद्महे, महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् मंत्र का जाप करें। इससे भोलेनाथ का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

पढ़ते रहें

पूजा-पाठ करने की विधि को जानने समेत अध्यात्म से जुड़ी तमाम जानकारियों के लिए जुड़े रहें jagran.com के साथ