आजकल की भागदौड़ भरी लाइफस्टाइल में अक्सर लोग देर से सोते हैं और इस वजह से उठने का शेड्यूल भी बिगड़ जाता है।
ऐसे में सुबह उठने के लिए लोगों को अलार्म की जरूरत पड़ती है और नींद पूरी न होने की वजह से बार-बार स्नूज करते रहते हैं।
अलार्म को 10-10 मिनट बढ़ाकर नींद पूरी करना भले ही आपको अच्छा लगता हो लेकिन सेहत के लिए यह बहुत नुकसानदायक होता है।
एक अलार्म में न उठने से नींद की गुणवत्ता तो प्रभावित होती ही है, इसके साथ ही वर्क प्रोडक्टिविटी भी प्रभावित होती है।
स्लीप साइकिल का आखिरी चरण रैपिड आई मूवमेंट के नाम से जाना जाता है। नींद का यह चरण क्रिएटिविटी और याददाश्त के लिए जरूरी माना जाता है।
एक अमेरिकी स्टडी के मुताबिक, जागने के लिए एक अलार्म बेस्ट होता है। अगर ऐसा करना बहुत मुश्किल हो रहा है तो इसके लिए अलार्म घड़ी का इस्तेमाल करना चाहिए।
वहीं, सोने-उठने का समय भी निर्धारित करें। समय पर सोने और उठने से स्लीप साइकल बेहतर रहता है और नींद भी प्रभावित नहीं होती है।
एक अलार्म में न उठने से दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और याददाश्त भी कमजोर होती है। वहीं, सोचने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
एक से ज्यादा अलार्म पर उठते हैं, तो इससे सेहत को कई नुकसान होते हैं। ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें JAGRAN.COM