हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होते हैं। बुधवार का दिन गणेश जी के लिए होता है। इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है।
आज हम आपको कुछ ऐसे मंत्रों के बारे में बताएंगे, जिनका जाप करने से गणेश जी प्रसन्न हो सकते हैं। आइए इन मंत्रों के बारे में विस्तार से जानें, ताकि आपको सही जानकारी हो सकें।
ऊँ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ । निर्विघ्नं कुरू मे देव, सर्व कार्येषु सर्वदा ॥ ऊँ एकदन्ताय विहे वक्रतुण्डाय धीमहि तन्नो दन्तिः प्रचोदयात् ॥
गणपूज्यो वक्रतुण्ड एकदंष्ट्री त्रियम्बक:। नीलग्रीवो लम्बोदरो विकटो विघ्रराजक :।। धूम्रवर्णों भालचन्द्रो दशमस्तु विनायक:। गणपर्तिहस्तिमुखो द्वादशारे यजेद्गणम।।
ॐ वक्रतुण्डैक दंष्ट्राय क्लीं ह्रीं श्रीं गं गणपते वर वरद सर्वजनं मे वशमानय स्वाहा।
दन्ताभये चक्रवरौ दधानं, कराग्रगं स्वर्णघटं त्रिनेत्रम्। धृताब्जयालिङ्गितमाब्धि पुत्र्या-लक्ष्मी गणेशं कनकाभमीडे॥
गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः । द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥ विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः । द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत् ॥ विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत् क्वचित् ।
वन्दे गजेन्द्रवदनं वामाङ्कारूढवल्लभाश्लिष्टम् । कुङ्कुमरागशोणं कुवलयिनीजारकोरकापीडम् ॥ विघ्नान्धकारमित्रं शङ्करपुत्रं सरोजदलनेत्रम् । सिन्दूरारुणगात्रं सिन्धुरवक्त्रं नमाम्यहोरात्रम् ॥
इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं। अध्यात्म से जुड़ी तमाम बड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें jagran.com