हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। आइए जानते हैं कि गुप्त नवरात्रि में किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?
यह नवरात्रि की शुरुआत माघ मास की प्रतिपदा तिथि यानी 10 फरवरी से हो रही है। वहीं, गुप्त नवरात्रि का समापन 18 फरवरी को होगा।
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते समय मंत्र का जाप करना चाहिए। इन मंत्रों का जाप करने से जीवन में आ रही परेशानियां दूर होने लगती हैं।
गुप्त नवरात्रि में बुरी नजरों को दूर करने के लिए मां काली के ‘ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।’ मंत्र का जाप करना चाहिए।
जीवन में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए माता तारा देवी के मंत्र ‘ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।’ का जाप करना चाहिए। इससे बुरी शक्तियां भी दूर होने लगती हैं।
गुप्त नवरात्रि में देवी भुवनेश्वरी के ‘ऐं ह्रीं श्रीं।’ मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है।
गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करनी चाहिए। इस दौरान सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
गुप्त नवरात्रि में तामसिक भोजन करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही अल्कोहल का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। अगर आप इन चीजों का सेवन करते हैं तो जीवन में परेशानियां आ सकती हैं।
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